
लेटर लिखने वाले पार्टी के 23 नेताओं में शुमार जितिन प्रसाद ने शनिवार को कहा है कि लेटर का ‘गलत मतलब’ निकाला गया। जितिन ने कहा कि पार्टी नेतृत्व में उनकी पूरी आस्था है और यह पत्र नेतृत्व में बदलाव के मकसद से नहीं बल्कि पार्टी को फिर से मजबूती से खड़ा करने के लिए सलाह देने के उद्देश्य से लिखा गया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने लेटर पर साइन करने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘यह पत्र नेतृत्व में बदलाव के मकसद से नहीं लिखा गया था। इसका एकमात्र मकसद पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए सलाह देने के लिए लिखा गया था। इसका मसकद आत्मावलोकन कर संगठन के प्रति प्रेरित करना था। इसका मसकद नेतृत्व को कमजोर करना नहीं था। मैंने कांग्रेस वर्किंग कमिटि की बैठक में भी यह बात रखी थी।’
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