advertisement

Friday, 29 October 2021

नर्मदा की बाढ़ से हरदा के संस्कृत विद्यापीठम में एक करोड़ की क्षति, तीन दिन बाद पानी उतरने पर सामने आई बर्बादी की दास्तान

नर्मदा की बाढ़ से हरदा के संस्कृत विद्यापीठम में एक करोड़ की क्षति, तीन दिन बाद पानी उतरने पर सामने आई बर्बादी की दास्तान
नर्मदा की बाढ़ से हरदा के संस्कृत विद्यापीठम में एक करोड़ की क्षति, तीन दिन बाद पानी उतरने पर सामने आई बर्बादी की दास्तान

भोपाल । नर्मदा में उफान से हरदा जिले का संस्कृत गुरुकुल वैदिक विद्यापीठम बाढ़ से घिर गया। तीन दिन तक पानी में डूबे रहने के बाद जब नदी का कोप शांत हुआ तो उतरते पानी के साथ बर्बादी के निशान सामने आने लगे। संस्कृत विद्यापीठम को बाढ़ से करीब एक करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है कि लेकिन यह गनीमत रही कि अचानक बाढ़ की चपेट में आने के बाद भी यहां कोई जनहानि नहीं हुई।


हरदा जिले के चिचोट-छीपानेर में 28 अगस्त को नर्मदा का पानी घुसा और सभी घरों, मकानों, दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। 30 अगस्त को बाढ़ का पानी उतरना शुरू हुआ और उसी के बर्बादी की कहानी सामने आने लगी। यहां महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल से मान्यता प्राप्त संस्कृत गुरुकुल में भी बाढ़ से जबरदस्त क्षति हुई है। हरदा जिले की स्वामी तिलक वैदिक विद्या समिति द्वारा संचालित वैदिक विद्यापीठम में बाढ़ से एक करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का आकलन है।

गनीमत यह है कि अचानक बाढ़ आने के बावजूद यहां कोई जनहानि नहीं हुई। तिलक वैदिक विद्या समिति के सचिव सुजीत शर्मा ने बताया कि भीषण बाढ़ से वैदिक विद्यापीठम में एनएचडीसी भोपाल द्वारा निर्माणाधीन दस ब्लॉक और अॉडिटोरियम जलमग्न हो गये जिससे अंदर रखी निर्माण सामग्री नष्ट हो गई और काफी सामान बाढ़ के पानी के साथ बह गया।

श्री शर्मा के अनुसार बाढ़ से 600 बोरी सीमेंट, 400 बोरी सीमेंट पुट्टी, विद्युत सामग्री, 3 कोटा घिसाई मशीन, 10 हजार वर्ग फुट मंगोलियन टाइल्स, 200 सनमाइका शीट, लकड़ी के काम की मशीन, पुताई सामग्री और दीवारों की पुताई नष्ट हो गई। इसके अलावा 2000 बल्लियां, सेनेटरी सामग्री, फिटिंग पाइप, पानी की टंकियां, नल, सागौन से निर्मित दरवाजे एवं खिड़की की चौखटों के साथ 150 कुर्सियां पानी के साथ बह गई।

समिति के सचिव सुजीत शर्मा ने कहा कि बाढ़ का प्रकोप भयंकर था, इसकी कल्पना से ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि विद्यापीठम में कृषि कार्य में इस्तेमाल होने वाले 300 पाइप, ड्रिप सिस्टम, 3 ट्यूबवेल की पानी की मोटर, पानी फिल्टर सिस्टम और सोलर सिस्टम तहस नहस हो गये। यहां रखा 150 क्विंटल गेहूं, 10 क्विंटल चना, 2 क्विंटल मटर दाल, चावल, शकर, गुड़, मसाले इत्यादि खराब हो गये।

समिति द्वारा 21 एकड़ भूमि पर सोयाबीन, मक्का, तुअर दाल और सब्जियों की खेती की गई थी जो बाढ़ से पूरी तरह बर्बाद हो गई। श्री शर्मा ने बताया कि बाढ़ का पानी चढ़ना शुरू होते ही पशुधन को जद्दोजहद कर सुरक्षित निकाल लिया गया लेकिन पशुओं का चारा नष्ट हो गया। अनेक फलदार पौधे और यज्ञशाला भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए।

सचिव सुजीत शर्मा के अनुसार विद्यालय एवं छात्रावास के अंतर्गत 35 बच्चों और आचार्यों के लिए किए गए इंतजाम के साथ 3 बैटरी सहित इन्वर्टर, 150 टेबल, 150 गद्दे कंबल, 100 चादरें, 10 दरी, 20 बाल्टी, 15 कंप्यूटर, बच्चों की अलमारी, पुस्तकालय में रखी अमूल्य संग्रहित संस्कृत एवं अन्य ग्रंथ नष्ट हो गये। आचार्यों के ग्रन्थ साहित्य को भी नुकसान पहुंचा है।

इसके साथ ही छात्रावास में उपयोगी आटा चक्की, आटा मशीन, सिंगल फेस और 3 फेस के जनरेटर सहित अन्य कीमती सामान बाढ़ में बर्बाद हो गया। सुजीत शर्मा के अनुसार बाढ़ में प्रारंभिक आकलन के अनुसार करीब एक करोड़ की क्षति हुई है लेकिन संतोष इस बात का है भयावह बाढ़ के बावजूद कोई जनहानि नहीं हुई

Share:

0 comments:

Post a Comment

Copyright © zeerojgar | Powered by Blogger Design by ronangelo | Blogger Theme by NewBloggerThemes.com | Free Blogger Templates