
भोपाल। हिंदू धार्मिक प्रतीकों का अपमान करना कांग्रेस की परंपरा रही है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के नेता जीतू पटवारी का मंदिर में जूते पहनकर जाना आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन प्रदेश की जनता उनसे यह जरूर जानना चाहती है कि जीतू पटवारी को यह संस्कार कहां से मिला ? संस्कार विहीन कांग्रेस पार्टी से या फिर उसके असंस्कारी नेताओं से ? यह बात भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता सुश्री राजो मालवीय ने पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की मंदिर में जूते पहने हुए उस तस्वीर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
सुश्री राजो मालवीय ने कहा कि भगवान राम को काल्पनिक किरदार बताने वाली कांग्रेस पार्टी हमेशा से हिन्दू देवी-देवताओं, धर्मगुरुओं, धार्मिक प्रतीकों और मंदिरों का अपमान करती रही है। कांग्रेस नेता हिंदू मतदाताओं को रिझाने के लिए कभी त्रिपुंड लगाकर खुद को शिवभक्त बताते हैं, कभी जोरशोर से हनुमान चालीसा पढ़कर रामभक्त होने का ढोंग रचाते हैं, तो कभी जनेऊ धारण करके खुद को हिंदू बताने का स्वांग भरते हैं।
लेकिन धर्म का आदर करना, देवी-देवताओं का सम्मान करना और मंदिरों की गरिमा का पालन करना न तो कांग्रेस पार्टी के संस्कार रहे हैं और न ही उसके नेताओं के। यही वजह है कि देश की यह सबसे पुरानी पार्टी देश की धर्मप्राण जनता से कट गई है। ऐसे में कांग्रेस के नेता धर्म की डोर पकड़कर जनता से जुड़ने का जितना प्रयास कर रहे हैं, जनता उनसे उतनी ही दूर होती जा रही है।
सुश्री राजो मालवीय ने कहा कि देश और प्रदेश की जनता धर्म के प्रति वास्तविक सम्मान तथा ढोंग के बीच के फर्क को बहुत अच्छे से समझने लगी है और कांग्रेस नेता कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन जनता की आंखों में अब धूल नहीं झोंक पाएंगे
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