
अनूपपुर or पूरे देश में 13 सितंबर को मेडिकल राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा NEET और 1 से 6 सितंबर के बीच इंजीनीयरिंग संयुक्त प्रवेश परीक्षा JEE की परीक्षाओं का आयोजन होने वाला है।जिसमे देश भर से जेईई के लिए लगभग 8 लाख और नीट के लिए 16 लाख से ज़्यादा छात्रों द्वारा पंजीयन कराया गया है।लेकिन विश्व भर में फैले वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप के बीच परीक्षा लेने के फैसले पर जिले के अभिभावको और छात्रों को चिंता में डाल रखा है ,अनूपपुर जिले के अभिभावक ने पत्रकारों से अपनी परशानी साझा करते हुए शाशन प्रशासन से मांग भी की है की बच्चो को एग्जाम सेंटर तक पहुंचने की व्यवस्था की जाये क्युकी शहडोल संभाग में एक भी सेंटर नहीं है ,और बहुत से छात्रों ने अपने कोचिंग सेंटर के नजदीक परीक्षा केंद्र का विकल्प चुना था। लेकिन लॉकडाऊन में कोचिंग सेंटर बंद होने के बाद लगभग सभी छात्र अपने अपने घर लौट चुके है ।
ऐसे में छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए बहुत सा पैसा खर्च करना पड़ेगा। उन्हें कम से कम एक दिन पहले घर से निकलना पड़ेगा। दूसरी जगह जाकर वे कहां रुकेंगी और क्या खाएंगे यह भी उनके लिए एक बड़ी समस्या है।अगर वह किसी जगह रुकते है खाना खाते है तो उन्हें संक्रमित होने का खतरा है साथ ही उस परीक्षा केंद्र के अन्य छात्र भी उनसे संक्रमित हो सकता हैं।हलाकि परीक्षाएं आयोजित कराने वाली संस्थाएं राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी व नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, होने वाले टेस्ट के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढाई है एजेंसी के अनुशार जेईई के परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 कर दी है जबकि एनईईटी के लिए संख्या 2,546 से बढ़ाकर 3,843 की गई है साथ ही यह भरोषा भी दिलाया है की केंद्रों पर कोरोना की रोकथाम के लिए सभी उपाय किए जाएंगे।
अभिभावकों का कहना है कि, संक्रमण के इस दौर सभी अभिभावक इतने ज्यादा सक्छम नहीं है की वो अलग-अलग वाहन की व्यवस्था कर अपने बच्चो को परीक्षा केंद्र तक ले जाकर मेडिकल राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा और इंजीनीयरिंग संयुक्त प्रवेश परीक्षा दिलवाये ,अभिभावकों ने जिला प्रशासन से मांग की है की जिले के छात्रों को परीक्षा केंद्रतक पहुंचने की व्यवस्था की जाये जिससे छात्र परीक्षा केंद्र तक पहुंच सकें और बिना किसी तनाव और दबाव के परीक्षा दे सकें,
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